लेजर तकनीक द्वारा भूमि का समतलीकरण

Share and Enjoy !

Shares

लेजर तकनीक द्वारा भूमि का समतलीकरण

Land Levelling by Laser Technique 

प्रेम कुमार सुन्दरम, परमानन्द कुमार, संजय कुमार पटेल एवं  पवन जीत

जमीन से अच्छी पैदावार लेने के लिए खेतों का समतल होना बहुत जरूरी है. जमीन की असमतलता, मृदा में नमी एवं पोषक तत्वों के वितरण को प्रभावित करती है, जिससे बीज के अंकुरण और फसल की उपज प्रभावित होती है. जहाँ सतही सिंचाई की जाती है, वहां उच्च स्तरीय दक्षता के लिए भूमि समतलन आवश्यक है जो ज्यादा जल-उपयोग दक्षता और फसल उपज सुनिश्चित करता है। जमीन को समतल करने की प्रक्रिया मृदा एवं फसल प्रबंधन की महत्वपूर्ण विधि है. खेतों की असमान सिंचाई, पानी के अकुशल उपयोग की ओर ले जाती है और जुताई और फसल स्थापना प्रक्रिया में भी देरी करती है। पहले जहां खेतों को समतल करने के लिए परंपरागत तरीके अपनाए जाते थे जैसे की पटेला,ट्रेक्टर लेवलर, बाखर, जिस में समय व मेहनत भी बहुत लगती थी, वहीं अब वही काम कृषि यंत्रों की मदद से काफी आसान हो गया है. जमीन को एकसार करने वाला ऐसा ही यंत्र है लेजर लैंड लेवलर।

 भूमि समतलीकरण के प्रमुख उद्देश्य

निम्नलिखित उद्देश्यों की पूर्ति के लिए खेतों को समतल किया जाता है :

  1. जल संरक्षण के लिए
  2. खेत में पानी का समान वितरण
  3. सिंचाई करने ले लगने वाले समय एवं पानी की बचत
  4. फसलों के लिए समान नमी का वातावरण देने के लिए
  5. खेत में अतिरिक्त जल संचय में कमी करने के लिए
  6. उचित जल निकास व्यवस्था के लिए
  7. मृदा अपरदन एवं जल जमाव द्वारा होने वाली मृदा हानी को रोकने के लिए

भूमि समतलीकरण की तकनीक

एक कुशल सिंचाई प्रणाली के लिए, खेत के उच्च और निम्न स्थानों के बीच का अंतर 2 से० मी० से अधिक नहीं होना चाहिए, जबकि वास्तविक क्षेत्र की परिस्थितियों में, 50 से 150 से० मी०  का अंतर बहुत आम है।

पारंपरिक भूमि समतलीकरण

पारंपरिक रूप से किसान पशु चालित या छोटे ट्रेक्टर द्वारा चालित पटेला का उपयोग करता है । यद्दपि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान इस काम के लिए  ट्रैक्टरों के प्रयोग द्वारा लोहे से बना स्क्रैपर या लेवेल्लिंग पटरा का प्रयोग करते है। जानवरों द्वारा खींची गई या ट्रैक्टर से तैयार किए गए लेवलर का उपयोग करते हुए भूमि को समतल करने के पारंपरिक तरीके न केवल अधिक बोझिल और समय लेने वाले होते हैं बल्कि अधिक महंगे भी हैं।

 लेजर तकनीक द्वारा भूमि का समतलीकरण

यह एक लेजर निर्देशित परिशुद्धता लेवलिंग तकनीक है जिसका उपयोग 2 सेमी के भीतर मैदान पर वांछित ग्रेड के साथ बहुत ही बढ़िया लेवलिंग प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इसके अंतर्गत खेत को इस प्रकार परिवर्तित किय जाता है की 0 से 2 % का एक स्थिर ढलान बन जाए।इस पद्धति में अधिक हॉर्स पॉवर वाले ट्रेक्टर और मृदा ले जाने वाले उपकरण की आवशकता होती है।विभिन्न प्रकार की भूमि समतलीकरण की तकनीक में विभिन्न प्रकार के औजार तथा विविध संचालन , समय तथा परिशुद्धि वाले अवस्था की आवश्यकता होती है (सारणी 1)।

सारणी 1: विभिन्न भूमि समतलीकरण की उपयुक्तता

भूमि समतलीकरण तकनीक क्षमता

(हेक्टेयर/दिन)

समतलीकरण परिशुद्धता (सेंटीमीटर) खेत के क्षेत्रफल के लिए उपयुक्तता (हेक्टेयर)
पशु 0.08 +/- 4-5 <0.25
ब्लेड 0.12 +/- 4-5 <0.50
बकेट 0.5-1.0 +/- 4-5 <0.10
लेज़र 2 +/- 1 <0.10

 

लेजर द्वारा भूमि का समतलीकरण (लेजर लैंड लेवलिंग)

लेजर लेवलर का उपयोग भूमि समतलीकरण के लिए पहली बार 1970 में हुआ था। लेजर लेवलिंग जल उपयोग को 20-30 % तक कम कर सकता है तथा फसल उत्पादन में 10-20% की वृद्धि होती है । लेजर से

भूमि समतलीकरण की प्रक्रिया को प्रारम्भ करने से पहले खेत की जुताई करना जरुरी है। खेत की जमीन अगर 6 इंच तक ऊंची नीची है तो लेवलर द्वारा 1 एकड़ खेत को समतल करने में मात्र 2 घंटे लगते हैं। इसे 50 हार्सपावर से अधिक के ट्रैक्टर के साथ जोड़ कर आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है।

लेजर लैंड लेवेलर के विभिन्न घटक

लेजर लैंड लेवलर के विभिन्न घटक

  1. मिटटी को समेटने का पात्र (स्क्रेप्पर)
  2. लेजर संप्रेषक
  3. लेजर ग्राही
  4. नियंत्रण ईकाई
  5. हाईड्रौलिक नियंत्रण ईकाई

लेजर लेवलर द्वारा भूमि समतलीकरण की प्रक्रिया 

  1. खेत को जोतना : खेत को मध्य से बाहर की ओर जोतने को प्राथमिकता देनी चाहिए। खेत में नमी होने पर ही जोतना चाहिए। कम नमी होने पर ट्रेक्टर की तेल की खपत ज्यादा होगी साथ ही मिटटी के बड़े बड़े ढेले निकलने की संभावना ज्यादा होगी। मिटटी के बड़े ढेले होने पर भूमि हो समतल करने में ज्यादा समय लगता है। खेत के सूखे होने पर उसमे डिस्क प्लोऊ (तवेदार हल), डिस्क हैरो अथवा मोल्ड बोर्ड प्लोऊ का इस्तेमाल करना चाहिए।
  2. खेत को समतल करना : यह एक लेजर-निर्देशित बाल्टी का उपयोग करके भूमि की औसत ऊँचाई से 2 सेमी के भीतर भूमि की सतह को चिकना करने की प्रक्रिया है जो उच्च स्थानों से मिट्टी को काटती (स्क्रैप) करती है और निचले इलाकों (गड्ढों) में भरती / फैलती है। यह खेतों को 0 से 0.2 % की ढलान पर तैयार करती है।
 लेजर लैंड लेवेलर द्वारा खेत समतल करना

लेजर लैंड लेवेलर से  भूमि समतलीकरण के लाभ

दूसरे भूमि समतलीकरण की विधियों की अपेक्षा  लेजर लैंड लेवेलर से  भूमि समतलीकरण के लाभ निम्न्लिखित हैं:

  1. सिंचाईं में लगने वाले जल तथा समय में कमी
  2. पुरे खेत में एक समान पानी का वितरण
  3. फसल के लिए एक समान नमी युक्त वातावरण
  4. कम बीज दर, उर्वरक, रसायन और ईंधन की कम आवश्यकता
  5. खेती योग्य भूमि का क्षेत्र लगभग ३-४ प्रतिशत बढ़ जाता है
  6. फसल के एक सामान परिपक्वता में वृद्धि होती है
  7. जल उपयोग की दक्षता बढ़ जाती है
  8. फसल का उत्पादन बढ़ जाता है
  9. लवणीय वातावरण के प्रबंधन में सहायता मिलती है
  10. खरपतवार की समस्या को काम करता है तथा खरपतवार नियंत्रण की दक्षता को बेहतर करता है
  11. यह नमक प्रभावित मिटटी में घुलनशील लवणों के वितरण में मदद कर सकता है
  12. उर्वरक उपयोग की दक्षता में वृद्धि करता है

 लेजर लेवलिंग की सीमाएं

  1. लेजर उपकरण की उच्च लागत
  2. लेजर उपकरण की व्यवस्था को सेट तथा समायोजित करने तथा ट्रेक्टर को चलाने के लिए निपुण संचालक की आवशयकता
  3. छोटे तथा अनियमित खेत में कम सफल

 

 

 

Authors

  • डा० प्रेम कुमार सुंदरम

    वैज्ञानिक भूमि एवं जल प्रबंधन प्रभाग भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् का पूर्वी अनुसंधान परिसर पो०ऑ० बिहार वेटनरी कॉलेज, पटना- 800 014

  • डा० परमानन्द कुमार

    वैज्ञानिक, पारिस्थितिकी, जलवायु परिवर्तन एवं वन प्रभाव प्रभाग, वन अनुसन्धान संस्थान, देहरादून

  • डा० संजय कुमार पटेल

    एसोसिएट प्रोफेसर और हेड (फार्म मशीनरी एंड पावर इंजीनियरिंग) कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रद्योगिकी महाविद्यालय, डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा,समस्तीपुर

  • डा० पवन जीत

    वैज्ञानिक भूमि एवं जल प्रबंधन प्रभाग भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् का पूर्वी अनुसंधान परिसर पो०ऑ० बिहार वेटनरी कॉलेज, पटना- 800 014

Share and Enjoy !

Shares

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Shares