जया सिन्हा, निधि कुमारी , संजय कुमार पटेल और प्रेम कुमार सुंदरम
कृषि को मशीनीकृत कर उत्पादन से लेकर प्रसंस्करण एवं बाजारीकरण तक के सभी कार्यों को सफलतापूर्वक सुचारु और व्यवस्थित ढंग से सम्पन्न किये जा सकते हैं। कृषि यंत्रों का प्रयोग समय पर कृषि कार्य सम्पन्न करने में मददगार है।इनसे उत्पादन लागत कम होती है।इनके प्रयोग से मानव श्रम पर निर्भरता कम होती है।वृहद स्तर पर कृषि कार्य करना आसान होता है।इसके अलावा भी कृषि यंत्रों के प्रयोगों से कृषक विभिन्न रुपों से लाभन्वित होते हैं। वर्तमान युग में देश की तीव्र गति से बढ़ती जनसंख्या एवं महंगाई में किसान भाइयों को अपने कृषि यंत्रों के सही प्रयोग के साथ देखभाल एवं रखरखाव के बारे में सही जानकारी होना अति आवश्यक है जिससे कृषि यंत्रों को अधिक समय तक उपयोग करके कृषि उपज को बढ़ा सकें, साथ ही साथ कृषि उत्पादन लागत पर नियंत्रण करके अधिक लाभ कमा सके तथा उचित देखभाल एवं रखरखाव करके कृषि यंत्रों को खराब होने से बचा सकें।
कृषि यंत्रों का प्रयोग करने में पूर्ण ध्यान देना आवश्यक है। इससे न केवल कृषि यंत्रों की आयु बढ़ती है, अपितु कृषि-यंत्रों के रखरखाव की लागत में कमी के साथ-साथ समय की भी बचत होती है।कृषि यंत्रों का उपयोग एक सीमित अवधि में होता है और बाद में इनको रखना पड़ता है.
कृषि यंत्रों का उचित चुनाव:
कृषि यंत्रों का चुनाव करते समय निम्न बिन्दुओं पर विषेषकर ध्यान देना चाहिए:
कृषि यंत्रों को प्रयोग करने से पहले की तैयारी:
विभिन्न कृषि यंत्रों को चलातें समय ध्यान रखने वाली बातें:
कम्बाईन एक अत्याधुनिक यंत्र है, जो खेत से ही फसल की कटाई-गहाई और गहाई ओसाई करके अनाज एवं भूसा अलग कर देता है। इसके प्रयोग में अत्यंत सावधानी बरतनी पड़ती है।
इस प्रकार समायोजन एवं उचित प्रबंधन करके कम्बाईन से कम समय में अधिक कार्य कम लागत में दक्षता के साथ कर सकते हंै। इस प्रकार से आधुनिक मशीनें के प्रयोग से कम समय में खेत खाली हो जाते हैं और आगे फसल बोने के लिये खेत की तैयारी के लिये पर्याप्त समय मिल जाता है।
किसानों की आय उनकी फसलों की अच्छी उपज पर निर्भर होती है, क्योंकि जब किसानों की फसल में गुणवत्ता होगी, तभी बाजार में उसकी अच्छी कीमत मिलेगी. इसके लिए कृषि यंत्रों का उपयोग किया जाता है. वैसे कृषि में अनेक यंत्रों का उपयोग किया जाता है, जिन्हें कृषि यंत्र (agricultural machinery) कहते हैं. इनका उपयोग खेतों की जुताई-बुवाई, खाद और कीटनाशक डालने, सिंचाई करने, फसलों की सुरक्षा के लिए, फसल कटाई, ढुलाई आदि के लिए होता है, लेकिन कृषि में ट्रैक्टर एक प्रमुख कृषि यंत्र माना गया है, जो किसानों के खेतों को नई तकनीकों से जोड़ने का काम करता है.
यह एक महत्वपूर्ण मशीनों में से एक है. ट्रैक्टर कई प्रकार के छोटे-छोटे उपकरणों से मिलाकर बनाया जाता है, जिनका विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए. अगर इनका रखरखाव ठीक से नहीं होता है, तो कृषि के कामों में काफी असर पड़ता है. जैसे, ट्रैक्टर की दक्षता में कमी आना, अधिक ईंधन लगना, तेल का लीकेज होना आदि.
इसलिए ट्रैक्टर को कुशल और लागत प्रभावी बनाने के लिए मैकेनिक की सेवाओं का उपयोग करें, साथ ही सही ग्रेड के तेल और वास्तविक स्पेयर पार्ट्स का भी उपयोग करें. इसके अलावा ट्रैक्टर का समय-समय पर रख-रखाव और देखभाल करना बहुत ज़रूरी है.
दैनिक रखरखाव:
o इंजन में तेल के स्तर को जांच लें
o रेडिएटर के पानी को जांचें और इसे फिर से भरें
o इसके अलावा एयर क्लीनर को साफ करते रहें
o ट्रैक्टर के टायरों में हवा के दबाव को देखें. अगर दबाव कम है, तो टायरों में हवा भरवा लें
o बैटरी के जल-स्तर को भी जांच लें
o गियर बॉक्स में तेल के स्तर को देख लें
o क्लच शॉफ्ट और बेयरिंग, ब्रेक कंट्रोल, पंखे का वासर, सामने के पहिये का हब, टाई रॉड और रेडियस क्रॉस, आदि पर ग्रीस लगा लेना चाहिए
15 दिनों बाद ध्यान दें:
एक महीने वाले रखरखाव:
कृषि यंत्रों के उपयोग के समय ध्यान रखने वाली महत्वपूर्ण बातें :
कृषि यंत्रों के प्रयोग के बाद रख–रखाव एवं भंडारण
o कृषि यंत्रों को प्रयोग करने के बाद ठीक ढंग से साफ करना चाहिए ताकि धूल, मिट्टी आदि निकल जाए. ताकि धूल, मिट्टी, आदि निकल जाए। खासतौर से मोटर, थ्रेशर, सीडड्रिल आदि के लिए यह जरूरी है।
o कृषि यंत्रों के उपयोग के बाद टंकी व अंदरूनी भागों को भी अच्छी तरह साफ करना चाहिए। ऐसा करने से यंत्र की सेवा आयु बढ़ जाती है।
o कृषि यंत्रों को प्रयोग करने के बाद अच्छी तरह धोना चाहिए। यदि आवश्यक हो तो मिट्टी तेल का प्रयोग करें।
o कृषि यंत्रों के ऊपर पानी सूख जाने के बाद उसके घूमने वाले भाग को ग्रीस से लुब्रिकेट करना चाहिए।
o कृषि यंत्रों के ऐसे भाग जो उर्वरक एवं मिट्टी के संपर्क में आते हों, उन्हें अच्छी तरह से साफ करना चाहिए।
o कृषि यंत्रों के कल-पूर्जों जैसे – नट बोल्ट, चैन, स्प्रोकेट, की, गियर आदि को अच्छी तरह से चेक कर लें। यदि नट-बोल्ट ढीले हों तो कस देना चाहिए।
o कृषि यंत्रों में रबर के पहिए लगे हों तो उनका दबाव चैक करना न भूले उन्हें अनुमोदित दबाव पर ही रखें।
o सभी प्रकार के स्प्रेयर के नोजिल के छिद्र अच्छी तरह से साफ कर लें एवं दवाई टैंक को धोकर रखें जिससे जंग इत्यादि न लगे।
o जिन कृषि यंत्रों पर पेंट इत्यादि उतर गया है तो उन पर पेंट या ग्रीस करने से यंत्र को लंबे समय तक इस्तेमाल किया जा सकता है।
o पाइपों या तारों को लपेटकर अथवा बांधकर रखें जिससे कटने से उन्हें बचाया जा सके।
o बिजली की मोटर पर पानी न गिरे इसलिए मोटर क शैड के नीचे रखे।
o चारा काटने वाली मशीन के पहिए में स्टैण्ड के साथ ताला लगाकर रखें इससे दुर्घटना नहीं होगी।
o मशीन को अच्छी तरह साफ करके शेड के अन्दर सूखी जगह पर रखें। मशीन के जिन भागों को नुकसान पहुंचने की सम्भावना हो, उनको निकाल कर अलग सुरक्षित स्थान पर रखें।
o मशीन में तेल, पानी बदलने का उचित प्रबन्ध होना चाहिए। ट्रैक्टर, पाॅवर टिलर, कम्बाईन आदि में यह अति आवश्यक है। गीयर बाॅक्स, ईंजन तथा एयर क्लीनर में तेल का माप देखते रहना चाहिए। यदि कम हो या बदलना हो तो उचित किस्म के तेल से पूर्ति करनी चाहिए। मशीन के रेडिएटर में पानी का उचित प्रबन्ध रखना चाहिए। इससे मशीन के कार्य के बीच में रूकावट नहीं आएगी। रबर के पहियों में हवा का दाब ठीक रखना चाहिए।
o जिन मशीनों में रबर के पहिए हांे, उन्हें जमीन से उॅचा इस प्रकार रखें कि पहिए जमीन के ऊपर रहें।
o मशीन के नीचे लकड़ी या पत्थर लगाकर स्थिर कर दें जिससे उसके गिरने का अंदेशा न रहे और बच्चों तथा जानवरों के साथ दुर्घटना न हो सके।
o यंत्रों को उनकी कार्य क्षमतानुसार ही प्रयोग करें।
o विशेष कार्यों हेतु विशेष यंत्र का ही प्रयोग करें ताकि कार्य दक्षतापूवर्क सम्पन्न किया जा सके।
o रखरखाव में निर्देशित सावधानियाँ एवं सुरक्षा का विशेष ध्यान रखे।
o यंत्रों के पास कोई ज्वलनशील पदार्थ जैसे डीजल अथवा करौसिन तेल इत्यादि नहीं रखें अगर रखना ही है तो पदार्थों को किसी अलग स्थान पर रखें।
o यंत्रों का प्रयोग निर्देशानुसार ही करें।
o यंत्रों को समय-समय पर खासतौर से प्रयोग करने से पूर्व अच्छी तरह से सभी पुर्जों की जांच कर लें।
o यंत्रों के उपयोगकर्ता को यंत्र चलाने का भली-भांति ज्ञान अथवा उसका प्रशिक्षण प्राप्त हो।
o यंत्रों का प्रयोग करने के दौरान आवश्यक तथा निर्देशित वस्त्र ही पहनें।
o अन्य सुरक्षात्मक साधनों का जैसे पानी और रेत आदि साधनों को कार्य करते समय पास रखें।
o यंत्रों का प्रयोग करते समय केवल कुशल श्रमिकों को ही सहायक के रुप में काम पर रखें विशेष तौर पर महिला श्रमिकों को कार्य प्रारंभ करने के पूर्व भली-भांति समझा दें कि किस प्रकार कार्य करना है।
o छोटे-छोटे बच्चों को यंत्रों के पास नहीं आने दें।
o इनके अलावा विभिन्न यंत्रों पर दिये गये विशेष निर्देशों का पालन करें।
o कार्य करने के दौरान कोई रुकावट आ जाये, तो कुशल मैकेनिक की ही सहायता लें ।
o मशीन के सभी कलपुर्जों की सफाई करके तेल ग्रीस डालते रहें, ताकि मशीन में टूट-फूट नहीं हो, अगर कोई पार्ट खराब हो गया और उसका बदलना आवश्यक हो तो निर्माता की सलाह के अनुसार ही रिपेयरिंग का कार्य करें।
अगर किसान भाई इन सभी बातों का ध्यान रखते हुए कृषि यंत्रों की देखभाल एवं रखरखाव करते हैं तो निश्चित रुप से उपलब्ध कृषि यंत्रों से कई वर्षों तक कार्य कर सकते हैं और आर्थिक लाभ कमा सकते हैं।