परिचय
फसल कटाई करने के लिए अनेकों यंत्र उपलब्ध है जिनसे कम मेहनत एवं कम समय में अधिक कार्य किये जा सकते हैं। कटाई खेत से परिपक्व फसल को काटने और इकट्ठा करने की प्रक्रिया है। अच्छी फसल लेने के तरीकों का लक्ष्य अनाज की पैदावार को अधिकतम करना और अनाज की क्षति और गुणवत्ता में कमी को कम करना है। फसल में समयबद्धता का प्रमुख महत्व है। कटाई के मौसम के दौरान अक्सर बारिश और तूफान खड़ी फसलों को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। मशीन के उपयोग से फसल की परिपक्वता के उचित स्तर पर कटाई करने में मदद मिल सकती है और ऑपरेशन के समय को कम किया जा सकता है। कृषि यंत्र के द्वारा समय पर कृषि कार्यों का निष्पान एवं विशुद्ध रूप से लागत का उपयोग किया जा सकता है। परिणामस्वरूप उत्पादकता एवं उत्पादन में प्रचुर मात्रा में बढ़ोतरी होती है। साथ ही साथ श्रम एवं लागत खर्च में कमी आता है। यंत्र के उपयोग से थकान की समस्या का भी हल हो जाता है। यंत्र के उपयोग से लागत खर्च लाभप्रद होता है । अतः कृषि कार्य लाभप्रद होता है।
अतः समय पर कटाई एवं गहाई न होने के करण निम्नलिखित नुकसान होता हैः
पारम्परिक कटाई में बहुत अधिक श्रम एवं समय लगता है साथ ही साथ बहुत ही थकान होता। आधुनिक मशीनों ने कृषि के कार्य को आसान बना दिया है। जिन कामों को करने में पहले कई दिन लग जाते थे वो काम अब कुछ घंटों में हो जाते हैं (राव और साथी, 2019)। पहले फसलों की कटाई में लंबा समय और श्रमिक श्रम लगता था लेकिन अब फसल कटाई मशीनों ने इस काम को और आसान बना दिया है। रीपर और रीपर बाइंडर मशीन को फसल की कटाई के लिए बनाया गया है। इस यंत्र की सहायता से खेत में 5 से 7 सेमी ऊपर फसल की कटाई आसानी से की जा सकती है। इस यंत्र 85 से 110 सेमी तक ऊंचाई वाली अनाज वाली फसलों के लिए उपयोग किया जाता है। इस यंत्र के कारण भूसा का नुकसान नहीं होता है। इस मशीन से 85 सेमी से 110 सेमी ऊंचाई वाली गेहूं, जौए , धान जेई और अन्य फसलों की आसानी से कटाई कर बंडल बनाया जाता है। इस मशीन में चालक को बैठकर कार्य करने की सुविधा है जिससे कार्यक्षमता बढ जाती है। साथ ही साथ मशीन में लाईट लगे रहने के कारण इसका परिचालन सूर्यास्त के पश्चात भी देर समय तक किया जा सकता है (कुमार और साथी, 2019)। रीपर और रीपर बाइंडर मशीन की जानकारी निमंलिखित हैं :
रीपर: रीपर एक अति-उन्नत स्वचालित मशीन है जो फसल (गेहूं या धान) को काटता है। रीपर मशीन का परिचालन चालक के द्वारा मशीन में दिये गये सीट पर बैठ कर किया जाता है। इसके द्वारा एक घंटे में एक एकड़ गेहूं की फसल की कटाई करता है (चित्र 1) ।
रीपर बाइंडर: यह मशीन फसल की कटाई के साथ.साथ रस्सियों से उनका बंडल भी बनाती है। रीपर बाइंडर फसल काटने के बाद क्रॉप को बाध्यकारी तंत्र से लंबवत रूप से बंडल बनाकर जमीन पर छोड़ा जाता है । रीपर बाइंडर मशीन एक घंटे में एक एकड़ में लगी खड़ी फसल को आसानी से काट सकती हैण् इस मशीन से 85 सेमी से 110 सेमी ऊंचाई वाली गेहूं जौ धान जेई और अन्य फसलों की आसानी से कटाई के साथ बंडल बनाया जा सकता है (सिंह, 2018)। एक ही ऑपरेशन में अनाज की फसल की कटाई और बंधन।इस मशीन का उपयोग किया जाए तो एक घंटे में एक एकड़ फसल काटकर बंडल भी बना देगा जो काफी फायदे का सौदा है (चित्र 2) ।
रीपर चलाने से पूर्व की जाँच
रख–रखाव: समय पर उचित तकनिक से देख-भाल करने से कार्य क्षमता में वृद्धि कार्य दक्षता में वृद्धि, एवं कार्य की गुणवत्ता में वृद्धि इससे मशीन की आयु में वृद्धि होती है ।
तालिका 1 : रीपर में समस्या एवं उसके निदान
समस्या | कारण | समाधान |
1- मशीन का चोक होना। | ======================
1- फसल में नमी होना। 2- एल एच रॉड सेट नही होना। 3- फसल को काटने वाले ब्लेड में प्ले होना। 4- फसल को काटने वाला ब्लेड घिसा होना। 5- कम्पलीट ब्लेड में से कुछ ब्लेड पीस टुटे होना। 6- फिंगरों का घिसा होना। 7- नाईफ बैक का घिसा होना। 8- वी-बैल्ट का ढीला होना। 9- टोप व बोट्म एक्सपेलर का टुटा होना। 10- मेंन पुली की एडजस्टमेंट न होना। ===================== |
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1- फसल सूखने दें। 2- एल एच रॉड सैटिंग करें। 3- प्रेषर प्लेट को दबाएँ या बदलें व नाइफ बैक चैक करें। 4- ब्लेड बदलें। 5- पीस नये डालें 6- फिंगरों के ब्लेड बदलें या फिंगर बदलें। 7- नाइफ बैक बदलें। 8- वी-बैल्ट कसें। 9- टोप व बोट्म एक्सपेलर नये डालें। 10- पुली चेक करें। ====================== |
2 मशीन द्वारा फसल को बिखेरना या तोड़ना। | 1- फसल में नमी होना।
2- फसल की ऊँचाई कम होना। 3- फसल की कतार की दूरी सही नहीं होना । 4- रीपर बाईण्डर के गेयर बॉक्स फ्रेम के नट बोल्ट का ढीला होना। 5- फ्रेम के आगे वाले 10×25 के नट बोल्ट ढीले होना। 6- टॉप व बॉटम ऐक्सपेलर घिसे व टूटे होना। 7- ऐक्सपेलर रोलर का घिसा होना। 8- ब्लेड सेट का घिसा या टूटा होना। 9- टाईमिंग सेट न होना। 10- फसल का ज्यादा सुख जाना। 11- मशीन को सही गेयर में न चलाना। 12- रोकर माऊंट का बोल्ट टुट जाना। 13- फोर्क बुश का घिस जाना। 14- दाएं व बाएं लगी फिंगर घिसी होना। ==================== |
1- फसल सुखने दें।
2- कम्पनी निर्देषानुसार कार्य करें। 3- कम्पनी निर्देषानुसार कार्य करें। 4- नट बोल्ट टाईट करें। 5- नट बोल्ट टाईट करें । 6- नये डाले। 7- साईड चेन्ज करें या नया डाले। 8- ब्लेड सेट चेक करें घिसा या टूटा है तो बदलें । 9- टाईमिंग कम्पनी निर्देषानुसार सैट करें। 10- फसल को ज्यादा न सूखने दें और समय पर ही काटे । 11- मशीन को प्रथम गेयर में चलायें। 12- नट बोल्ट चैक करें। 13- चेन्ज करें। 14- चेन्ज करें। ====================== |
3-मषीन द्वारा फसल कटाई न होना। | 1- रोकर आर्म पर लगे हैड का बोल्ट खुल जाना।
2- रोकर माउंट का खुल जाना। 3- रोकर आर्म का टूट जाना। 4- मेन पुली का रेच्ड फ्री हो जाना। 5- ब्लेड हैड टूट जाना। ==================== |
1- बोल्ट लगाए/टाईट करें।
2- रोकर माऊंट में लगे बोल्ट टाईट करें। 3- रोकर आर्म वेल्डिंग करवाएं। 4- रेच्ड चेक करें। 5- ब्लेड हैड नया लगवाए। ==================== |
4. चलते- चलते व्हील चेन उतरना। | 1- चेन टेंशनर का मुड़ा या बेन्ड होना।
2- व्हील बुश का घिसा होना। 3- चेन टेंशनर का स्प्रिंग सही नही होना। 4- चेन व्हील में बेन्ड होना। 5- चेन टेंशनर का रबड़ रोलर घिस जाना। 6- प्राईम मूवर कपलींग पिन का गिर जाना। =================== |
1- चेन टेंशनर चेक करें मुड़ा हो तो सीधा करें या बदलें।
2- व्हील बुश बदलें। 3- चेन टेंशनर स्प्रिंग बदलें। 4- व्हील चैक करें। 5- रबड़ रोलर नया डालें। 6- पिन नई डालें। ====================== |
5. गेयर बॉक्स की चेन का बार- बार उतरना। | 1- चेन का ढीला होना।
2- गियर बॉक्स में लगे गेयरों का घिस जाना। 3- गियर बॉक्स और/या आईडलर में लगे बियरिंग का टूटा या प्ले होना। 4- गियर बॉक्स में लगे गियर की अलाईन्मेंट का सही ना होना। 5- फोर्क शाफ़्ट की बेयरिंग सीट का घिस जाना। =================== |
1- चेन बदलें।
2- गियर बदलें। 3- बेयरिंग/आईडलर बदलें। 4- गियर को बदलें। 5- फोर्क शाफ़्ट बदलें या रिपेयर करें। ====================== |
6. रीपर बाइण्डर द्वारा बांधें बण्डलों को पीछे नहीं धकेलना/सारे बण्डल बीच में इक्कठे हो जाते हैं। | 1- टॉप व बॉटम ऐक्सपेलर का टूटा होना।
2- एल एच रॉड की पोजिषन सही जगह पर न होना। ==================== |
1- टॉप व बॉटम नया डालें ।
2- एल एच रॉड को पीछे करें। ===================== |
7. रीपर बाइण्डर द्वारा गंठड़ी (बंडल) को बांधे बिना छोड़ना | 1- नोटिंग मैकेनिजम का सही न होना
2- ग्रिपर का सही काम नहीं करना। 3- ड्रैगिंग डिवाइस का टूटना। 4- नोटिंग मैकेनिज्यम के बेवेल गेयर की पिन टूटना। 5- पिस्टल पर रस्सी से निशान पड़ जाना। 6- बेवल-गेयर के दाते घिस जाना। 7- बाइण्डर कोण का ज्यादा ढीला होना। 8- नीडल आगे से मुड़ी होने की वजह से रस्सी को सही तरीके से ड्रैगिंग डिवाइस में नहीं ले के जा रही है। ===================== |
1- नोटिंग मैकेनिजम को स्क्रू पेंच द्वारा सेट करें।
2- ग्रिपर को एमरी-पेपर से साफ करें/बदलें। 3- ड्रैगिंग डिवाइस को बदलें। 4- बेवेल गेयर की पिन बदलें। 5- निशान को रेती की सहायता से बराबर करें। 6- बेवल-गेयर नया डालें। 7- बाइण्डर कोण को सिम के द्वारा सही सैट करें। 8- नीडल के मुड़े हुए सिरे को सीधा करें/ बदलें। ====================== |
निष्कर्ष
इस मशीन को कस्टम हायरिंग में काफी पसंद किया जाता है। आधुनिक कृषि यंत्र जैसे रीपर और रीपर बाइंडर मशीन के इस्तेमाल से फसल की कटाई समय पर संभव हो जाती है। साथ ही साथ इस मशीन के प्रयोग से श्रम लागत में कटौती एवं पैसे की भी बचत होती है। यह 85-110 सेमी ऊंचाई वाली फसलों जैसे गेहूं, जौए , धान, जेई और अन्य फसलों की कटाई कर बंडल बनाने के लिए उपर्युक्त मन जाता है। समय पर देख-भाल करने से कार्य क्षमता में वृद्धि एवं कार्य की गुणवत्ता में वृद्धि साथ ही साथ इस की आयु में भी वृद्धि होती है ।
सन्दर्भ सूची
कुमार ए, कुमारी ए, कुमार एस और चंद्रा एस. 2019. बिहार के मधुबनी जिले में गेहूं की फसल की मशीनीकृत कटाई के लिए रीपर-कम-बाइंडर मशीन का प्रदर्शन मूल्यांकन और अर्थशास्त्र. जर्नल ऑफ फार्माकोग्नॉसी एंड फाइटोकेमिस्ट्री, 8(4): 63-68.
सिंह जे. 2018. मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में गेहूं की फसल में अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन के माध्यम से स्व-चालित रीपर कम बाइंडर का क्षेत्र मूल्यांकन. इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एग्रीकल्चरल इंजीनियरिंग , 359-363।
राव जे एच और मीना बी एस. 2019. भारत के मध्य प्रदेश के सतना जिले में गेहूं की कटाई के लिए विभिन्न प्रकार के रीपर बाइंडर का प्रदर्शन और लागत अर्थशास्त्र मूल्यांकन. इंट. जे. कर्र. माइक्रोबायोल. अनुप्रयोग विज्ञान 8(10): 2115-2124.