Land Levelling by Laser Technique
प्रेम कुमार सुन्दरम, परमानन्द कुमार, संजय कुमार पटेल एवं पवन जीत
जमीन से अच्छी पैदावार लेने के लिए खेतों का समतल होना बहुत जरूरी है. जमीन की असमतलता, मृदा में नमी एवं पोषक तत्वों के वितरण को प्रभावित करती है, जिससे बीज के अंकुरण और फसल की उपज प्रभावित होती है. जहाँ सतही सिंचाई की जाती है, वहां उच्च स्तरीय दक्षता के लिए भूमि समतलन आवश्यक है जो ज्यादा जल-उपयोग दक्षता और फसल उपज सुनिश्चित करता है। जमीन को समतल करने की प्रक्रिया मृदा एवं फसल प्रबंधन की महत्वपूर्ण विधि है. खेतों की असमान सिंचाई, पानी के अकुशल उपयोग की ओर ले जाती है और जुताई और फसल स्थापना प्रक्रिया में भी देरी करती है। पहले जहां खेतों को समतल करने के लिए परंपरागत तरीके अपनाए जाते थे जैसे की पटेला,ट्रेक्टर लेवलर, बाखर, जिस में समय व मेहनत भी बहुत लगती थी, वहीं अब वही काम कृषि यंत्रों की मदद से काफी आसान हो गया है. जमीन को एकसार करने वाला ऐसा ही यंत्र है लेजर लैंड लेवलर।
भूमि समतलीकरण के प्रमुख उद्देश्य
निम्नलिखित उद्देश्यों की पूर्ति के लिए खेतों को समतल किया जाता है :
भूमि समतलीकरण की तकनीक
एक कुशल सिंचाई प्रणाली के लिए, खेत के उच्च और निम्न स्थानों के बीच का अंतर 2 से० मी० से अधिक नहीं होना चाहिए, जबकि वास्तविक क्षेत्र की परिस्थितियों में, 50 से 150 से० मी० का अंतर बहुत आम है।
पारंपरिक भूमि समतलीकरण
पारंपरिक रूप से किसान पशु चालित या छोटे ट्रेक्टर द्वारा चालित पटेला का उपयोग करता है । यद्दपि पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान इस काम के लिए ट्रैक्टरों के प्रयोग द्वारा लोहे से बना स्क्रैपर या लेवेल्लिंग पटरा का प्रयोग करते है। जानवरों द्वारा खींची गई या ट्रैक्टर से तैयार किए गए लेवलर का उपयोग करते हुए भूमि को समतल करने के पारंपरिक तरीके न केवल अधिक बोझिल और समय लेने वाले होते हैं बल्कि अधिक महंगे भी हैं।
लेजर तकनीक द्वारा भूमि का समतलीकरण
यह एक लेजर निर्देशित परिशुद्धता लेवलिंग तकनीक है जिसका उपयोग 2 सेमी के भीतर मैदान पर वांछित ग्रेड के साथ बहुत ही बढ़िया लेवलिंग प्राप्त करने के लिए किया जाता है। इसके अंतर्गत खेत को इस प्रकार परिवर्तित किय जाता है की 0 से 2 % का एक स्थिर ढलान बन जाए।इस पद्धति में अधिक हॉर्स पॉवर वाले ट्रेक्टर और मृदा ले जाने वाले उपकरण की आवशकता होती है।विभिन्न प्रकार की भूमि समतलीकरण की तकनीक में विभिन्न प्रकार के औजार तथा विविध संचालन , समय तथा परिशुद्धि वाले अवस्था की आवश्यकता होती है (सारणी 1)।
सारणी 1: विभिन्न भूमि समतलीकरण की उपयुक्तता
भूमि समतलीकरण तकनीक | क्षमता
(हेक्टेयर/दिन) |
समतलीकरण परिशुद्धता (सेंटीमीटर) | खेत के क्षेत्रफल के लिए उपयुक्तता (हेक्टेयर) |
पशु | 0.08 | +/- 4-5 | <0.25 |
ब्लेड | 0.12 | +/- 4-5 | <0.50 |
बकेट | 0.5-1.0 | +/- 4-5 | <0.10 |
लेज़र | 2 | +/- 1 | <0.10 |
लेजर द्वारा भूमि का समतलीकरण (लेजर लैंड लेवलिंग)
लेजर लेवलर का उपयोग भूमि समतलीकरण के लिए पहली बार 1970 में हुआ था। लेजर लेवलिंग जल उपयोग को 20-30 % तक कम कर सकता है तथा फसल उत्पादन में 10-20% की वृद्धि होती है । लेजर से
भूमि समतलीकरण की प्रक्रिया को प्रारम्भ करने से पहले खेत की जुताई करना जरुरी है। खेत की जमीन अगर 6 इंच तक ऊंची नीची है तो लेवलर द्वारा 1 एकड़ खेत को समतल करने में मात्र 2 घंटे लगते हैं। इसे 50 हार्सपावर से अधिक के ट्रैक्टर के साथ जोड़ कर आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है।
लेजर लैंड लेवलर के विभिन्न घटक
लेजर लेवलर द्वारा भूमि समतलीकरण की प्रक्रिया
लेजर लैंड लेवेलर से भूमि समतलीकरण के लाभ
दूसरे भूमि समतलीकरण की विधियों की अपेक्षा लेजर लैंड लेवेलर से भूमि समतलीकरण के लाभ निम्न्लिखित हैं:
लेजर लेवलिंग की सीमाएं