खाद्य प्रसंस्करण में स्वच्छता प्रबंधन तथा उपभोक्ता जागरूकता का महत्व

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खाद्य प्रसंस्करण में स्वच्छता प्रबंधन तथा उपभोक्ता जागरूकता का महत्व

सोमा श्रीवास्तव*, ओम प्रकाश, शेख मुख़्तार मंसूरी एवं प्रेम वीर गौतम

 

परिचय/ Introduction

खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के सफलता में स्वच्छता, पर्यवेक्षण, परीक्षण, अंकेक्षण, कार्मिक स्वास्थ्य, उपभोक्ता जागरूकता, और प्रशिक्षण का महत्वपूर्ण स्थान है। खाद्य सुरक्षित और अधिक गुणवत्ता वाला हो, इसके लिए स्वच्छता प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण है। उच्च गुणवत्ता वाले खाद्य उत्पादों की उत्पत्ति सुनिश्चित करने के लिए प्रसंस्करण के दौरान उचित स्वच्छता प्रक्रियाएं अपनाई जाती हैं। पर्यवेक्षण और परीक्षण के माध्यम से खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जाती है, और उपभोक्ता को सुरक्षित और आपूर्ति के मानकों के अनुसार उत्पाद मिलता है। अंकेक्षण के माध्यम से हम खाद्य सुरक्षा के परिणामों की निगरानी कर सकते हैं और सुधार की आवश्यकता के स्थान पर योजनाएं बना सकते हैं। कार्मिक स्वास्थ्य भी एक महत्वपूर्ण पहलु है, क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि खाद्य से संबंधित कार्मिक किसी तरह से खाद्य को संदूषित करने वाले कारक नहीं बन रहे हैं। उपभोक्ता जागरूकता और प्रशिक्षण से लोगों को खाद्य सुरक्षा के महत्व के बारे में जागरूक किया जा सकता है, ताकि वे सुरक्षित और स्वस्थ खाद्य के महत्व को समझ सकें और उपयुक्त स्वच्छता निर्देशों का पालन करें। खाद्य सुरक्षा प्रबंधन प्रणाली का अर्थ है अच्छी विनिर्माण पद्धतियाँ, अच्छी स्वच्छता पद्धतियाँ, जोखिम विश्लेषण और महत्वपूर्ण नियंत्रण बिंदु के साथ ऐसे अन्य खाद्य व्यवसाय नियमन द्वारा निर्दिष्ट प्रथाओं का पालन करना है (जायसवाल, 2009)। इसलिए, खान (२००७) ने खाद्य संरक्षण के लिए खाद्य अवयवों के अलावा स्वच्छता की भी जरुरत पर बल दिया है। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार भी खतरे के विश्लेषण और महत्वपूर्ण नियंत्रण मान (एचएसीसीपी) तथा इस पर आधारित पद्धतियों को खाद्य संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण साधन मानती है।

कच्चे खाद्य की धुलाई के लिए पर्याप्त सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए। खाद्य पदार्थ धोने के लिए प्रत्येक सिंक (या अन्य सुविधाओं) में गर्म और ठंडे पानी की पर्याप्त आपूर्ति होनी चाहिए। इन सुविधाओं को साफ रखा जाना चाहिए और जहां आवश्यक हो, कीटाणुरहित भी किया जाना चाहिए। अधिमानतः, कच्चे खाद्य पदार्थों को धोने के लिए उपयोग किए जाने वाले सिंक को अलग रखा जाए और इसका उपयोग बर्तन धोने या किसी अन्य उद्देश्य के लिए नहीं किया जाना चाहिए। भोजन के सीधे संपर्क में उपयोग की जाने वाली बर्फ और भाप को पीने योग्य पानी से बनाया जाए और इसका उत्पादन, रख- रखाव और भंडारण इस तरह से किया जाए कि कोई संदूषण न हो।

जहाँ खाद्य पदार्थ को बनाया जा रहा है या रखा जा रहा है, वहाँ अपशिष्ट पदार्थों को समय-समय पर उस स्थान से हटाकर, ढेर होने देने से बचाया जाना चाहिए। अपशिष्ट सामग्री के संग्रह के लिए परिसर में उचित ढक्कन के साथ उचित आकार का कचरा पात्र, जिसे खोलने के लिए छूने की आवश्यकता नहीं है, प्रदान किया जाए। इसे रोजाना खाली कर कीटाणुनाशक से धोने के पश्चात् अगले उपयोग से पहले सुखाया जाना चाहिए।

अपशिष्ट और प्रवाह (ठोस, तरल और गैस) का निपटान उद्योग/ पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की आवश्यकताओं के अनुरूप करने की जरुरत है। पर्याप्त जल निकासी के साथ अपशिष्ट निपटान की सुविधा प्रदान की जाए। उसकी रचना और निर्माण इस तरह से किया जाए, ताकि भोजन या पीने योग्य पानी की आपूर्ति के दूषित होने का खतरा समाप्त हो जाए। अपशिष्ट भंडारण इस तरह से स्थापित किया जाए कि यह खाद्य प्रक्रिया, भंडारण क्षेत्र, खाद्य प्रतिष्ठान के अंदर और बाहर के वातावरण को दूषित नहीं करता हो। कचरे को ढके हुए पात्रों में रखा जाए और नियमित अंतराल पर हटाया जाए। कूड़ा-करकट/ कचरे का समय-समय पर निस्तारण अनिवार्यतः किया जाए। परिसर के अंदर कोई भी कचरा खुला नहीं रखा जाए। प्लास्टिक और अन्य पर्यावरण प्रतिकूल सामग्री स्थानीय नियमों और विनियमों के अनुसार उचित तरीके से निपटाया जाए। प्लास्टिक/ धातु/ ग्लास सामग्री, थैले और पात्र, जो पर्यावरण के अनुकूल नहीं हैं, उनका निपटान करते समय उचित देखभाल की जाए।

कार्मिक सुविधाओं में खाद्य सामग्री को छूने से पहले हाथों की उचित धुलाई और सुखाने के लिए वॉश बेसिन (मुँह धोने की मेज) और उपयुक्त गर्म और ठंडे पानी की आपूर्ति शामिल हो।  पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग कपड़े बदलने की सुविधाएं और उपयुक्त स्वच्छ रचना के साथ शौचालय हों, जो सीधे खाद्य प्रसंस्करण, रख- रखाव या भंडारण क्षेत्रों में न खुलें। प्रतिष्ठान में कर्मचारियों (पुरुष/ महिला) की संख्या के आधार पर शौचालयों की संख्या पर्याप्त होनी चाहिए और उन्हें खाद्य पदार्थों के रख-रखाव के समय साफ-सफाई की आवश्यकता से अवगत कराया जाना चाहिए। विश्राम और जलपान कक्ष खाद्य प्रसंस्करण और सेवा क्षेत्रों से अलग हों और ये क्षेत्र खाद्य उत्पादन, सेवा और भंडारण क्षेत्रों तक सीधे नहीं जाएं। श्रमिकों के लिए क्या करें और क्या न करें का उल्लेख करने वाला एक प्रदर्शन बोर्ड परिसर के एक प्रमुख स्थान पर अंग्रेजी व स्थानीय भाषा में सभी की समझ के लिए लगाया जाए। वायु फिल्टर (छन्नी) और जहां कहीं भी आवश्यक हो, निकास पंखा सहित प्राकृतिक और/ या यांत्रिक वायु-संचार प्रणाली की रचना की जाए, ताकि हवा दूषित क्षेत्रों से स्वच्छ क्षेत्रों में प्रवाहित न हो।

चित्र 1: खाद्य संरक्षण के लिए आवश्यक चरण

खाद्य प्रतिष्ठानों को प्राकृतिक या कृत्रिम प्रकाश प्रदान किया जाए, ताकि कर्मचारी स्वच्छ तरीके से काम कर सकें। जहाँ भी उपयुक्त हो, प्रकाशीय बिजली के उपकरणों को संरक्षित किया जाना चाहिए ताकि बिजली की फिटिंग के टूटने से भोजन दूषित न हो। खाद्य संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए मुख्यतः चित्र १ में दर्शाये गए चरणों पर ध्यान देने की जरुरत होती है। 

 

खाद्य संचालन और नियंत्रण

कच्चे माल की खरीद: कोई भी कच्चा माल या उसका संघटक किसी प्रतिष्ठान द्वारा स्वीकार नहीं किया जाएगा यदि उसमें परजीवी, अवांछनीय सूक्ष्मजीव, कीटनाशक, पशु चिकित्सा दवाएं या विषाक्त पदार्थ या बाहरी पदार्थ पाए जाते हैं, जिन्हें सामान्य छँटाई और/ या प्रसंस्करण द्वारा स्वीकार्य स्तर तक कम नहीं किया जाए। निरीक्षण के लिए एक पंजिका में कच्चे माल, खाद्य योजक और अवयवों के साथ-साथ उनके खरीद के स्रोत का अभिलेख की व्यवस्था कर सभी कच्चे माल की जाँच की जानी चाहिए और भौतिक रूप से साफ किया जाना चाहिए। भंडारण/ संरक्षण क्षमता के अनुरूप मात्रा में हीं कच्चा माल खरीदा जाना चाहिए। पैक किये हुए कच्चे माल की समाप्ति तिथि (एक्सपायरी डेट)/ (बेस्ट बिफोर)/’ यूज बाय’ डेट, पैकेजिंग अखंडता और भंडारण की स्थिति की जाँच की जानी चाहिए। संभावित रूप से उच्च जोखिम वाले खाद्य पदार्थों को 5 डिग्री सेल्सियस या उसके निचे के तापमान पर एवं जमे हुए खाद्य पदार्थ को -18 डिग्री सेल्सियस या उससे कम तापमान पर प्राप्त करना चाहिए।

कच्चे माल और खाद्य पदार्थ का भंडारण: खाद्य भंडारण सुविधाओं की रचना और निर्माण इस तरह किया जाए ताकि भंडारण के दौरान खाद्य को संदूषण से प्रभावी ढंग से बचाया जा सके; कीट के प्रवेश और संचय से बचने के लिए पर्याप्त रख-रखाव और सफाई की सुविधा होनी चाहिए। कच्चे/ प्रसंस्कृत/ पैक किए गए खाद्य पदार्थों के प्रकार और आवश्यकता के अनुसार जहाँ कहीं भी आवश्यक हो, शीतगृह (कोल्ड स्टोरेज) की सुविधा प्रदान की जाए। कच्चे, संसाधित, अस्वीकार किए गए, वापस बुलाए गए या वापस किए गए सामग्रियों या उत्पादों के भंडारण के लिए अलग-अलग व्यवस्था की जाए, जो विशिष्ट रूप से चिह्नित और सुरक्षित हों। कच्चे माल और प्रसंस्कृत खाद्य को मुद्रित पैकेजिंग सामग्री, स्टेशनरी, हार्डवेयर और सफाई सामग्री/ रसायन से अलग क्षेत्रों में संग्रहित किया जाए। कच्चा भोजन, विशेष रूप से मांस, कुक्कुट और समुद्री खाद्य उत्पादों को कार्य-प्रगति के क्षेत्र, प्रसंस्कृत, पके और पैक किये गए उत्पादों के क्षेत्र से अलग शीतगृह में भंडारित किया जाए।

संबंधित खाद्य सामग्री/ उत्पादों के निधानी जीवन अवधि (शेल्फ लाइफ) को बढ़ाने के लिए आवश्यक तापमान और आर्द्रता के संदर्भ में भंडारण की स्थिति को बनाए रखा जाए। कच्चा माल, खाद्य अवयव, प्रसंस्करण के दौरान खाद्य पदार्थ और प्रसंस्कृत, पके हुए या पैक किये हुए खाद्य उत्पाद को प्रथम प्रवेश प्रथम निकास (फीफो/ फर्स्ट इन फर्स्ट आउट) अथवा प्रथम अवसान प्रथम निकास (एफईएफओ/ फर्स्ट एक्सपायर फर्स्ट आउट), जो लागू हो, के अनुसार भण्डार चक्रानुक्रम प्रणाली हो। गैर-विषैले पदार्थों से बने पात्रों को कच्चे माल के भंडारण, प्रसंस्करण के दौरान खाद्य पदार्थ और तैयार उत्पादों के लिए उपलब्ध कराया जाए। खाद्य सामग्री को रैक/ पैलेटों पर इस प्रकार रखा जाना चाहिए कि वे फर्श के स्तर से काफी ऊपर हों और दीवार से दूर हों ताकि प्रभावी सफाई की सुविधा हो और किसी भी कीट या कृन्तकों को आश्रय देने से रोका जा सके।

खाद्य प्रसंस्करण / तैयारी, पैकेजिंग और वितरण / सेवा: जहाँ भोजन की सुरक्षा और उपयुक्तता के लिए समय और तापमान महत्वपूर्ण हैं और प्रभावी ढंग से नियंत्रित किये जाने की जरुरत है, खाद्य व्यवसाय यह सुनिश्चित करने के लिए प्रणालियों का विकास और रखरखाव करेगा। इस तरह के नियंत्रण में प्राप्ति, प्रसंस्करण, शीतलन, भंडारण, पैकेजिंग, वितरण और खाद्य सेवा, जो लागू हो, सभी में समय और तापमान का नियंत्रण शामिल होगा। जब भी जमे हुए भोजन/ कच्चे माल का उपयोग/ रख- रखाव/ परिवहन किया जा रहा हो तो उचित देखभाल की जानी चाहिए ताकि भविष्य में उपयोग के लिए खोलने के बाद पिघली हुई सामग्री को वापस संग्रहीत न किया जाए। यदि विगलन की आवश्यकता है तो एक समय में भोजन के केवल आवश्यक हिस्से को ही पिघलाया जाना चाहिए। जहां कहीं भी खुली आग पर खाना बनाया जाता है, वहां धुएं/ भाप आदि के लिए उचित निकास जैसे धुआँदान (चिमनी), निकास पंखा आदि की व्यवस्था की जाए।

खाद्य डिब्बाबंदी: पैकेजिंग के लिए प्रयुक्त सामग्री खाद्य उत्पादों में संदूषण और क्षति को रोकने के लिए सुरक्षा प्रदान करते हैं। खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम और उसके विनियमों के तहत आवश्यक लेबलिंग को समायोजित किया जाता है। प्राथमिक पैकेजिंग (अर्थात ऐसे पैकेजिंग, जिसमें खाद्य या घटक या योज्य पैकेजिंग सामग्री के सीधे संपर्क में आता है), केवल खाद्य श्रेणी के पैकेजिंग सामग्री का उपयोग करें। एल्युमिनियम, प्लास्टिक और टिन जैसी पैकेजिंग सामग्री के लिए, खाद्य सुरक्षा मानक अधिनियम और उसके विनियमों के तहत उल्लिखित पालन किए जाने की जरुरत है। पैकेजिंग सामग्री या गैस, जहां उपयोग किया जाता है, गैर-विषाक्त हो और भंडारण तथा उपयोग की निर्दिष्ट शर्तों के तहत भोजन की सुरक्षा और उपयुक्तता के लिए खतरा पैदा नहीं करे।

खाद्य वितरण/ सेवा: परिवहन के दौरान खाद्य खराब होने से रोकने के लिए आपूर्ति श्रृंखला में सभी महत्वपूर्ण कड़ियों की पहचान करने की आवश्यकता है। प्रसंस्कृत/ पैक किये गए और/ या खाने के लिए तैयार भोजन परिवहन और/ या सेवा के दौरान आवश्यक भंडारण शर्तों के अनुसार संरक्षित किया जाए। वाहनों और/ या पात्रों में खाद्य पदार्थों के अलावा किसी अन्य चीज के परिवहन के लिए उपयोग नहीं किया जाए, जहां इससे खाद्य पदार्थों का संदूषण होने की संभावना हो। पार संदूषण (क्रॉस-संदूषण) के जोखिम से बचने के लिए जहां एक ही वाहन या पात्र का उपयोग विभिन्न खाद्य पदार्थों, या मछली, मांस, मुर्गी, अंडे आदि जैसे उच्च जोखिम वाले खाद्य पदार्थों के परिवहन के लिए किया जाता है, भार के बीच प्रभावी सफाई और कीटाणुशोधन किया जाए। भोजन के थोक परिवहन के लिए पात्रों और वाहनों को केवल खाद्य उपयोग के लिए नामित और चिह्नित किया जाए और केवल उसी उद्देश्य के लिए उपयोग किया जाए।

प्रबंधन और पर्यवेक्षण

उचित प्रबंधन के लिए भोजन के प्रसंस्करण के साथ-साथ उसकी पैकिंग, प्रेषण और भंडारण के लिए एक विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) विकसित की जाए, जिससे किसी भी समस्या और उसके सटीक बिंदु की पहचान करने में मदद मिले और क्षति नियंत्रण तेज हो सके। खाद्य व्यवसाय यह सुनिश्चित करे कि तकनीकी प्रबंधकों और पर्यवेक्षकों के पास खाद्य स्वच्छता सिद्धांतों और प्रणालियों पर  प्रभावी निगरानी और पर्यवेक्षण कर सके। इसके द्वारा खाद्य सुरक्षा और उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के साथ अन्य खतरों की पहचान करने के लिए उचित निवारक और सुधारात्मक कदम उठाने में मदद मिलती है।

खाद्य परीक्षण सुविधाएं

नियमों और विनियमों के तहत निर्धारित विनिर्देशों/ मानकों के अनुसार भौतिक, सूक्ष्मजीवविज्ञानी और रासायनिक विश्लेषण के लिए खाद्य सामग्री/ भोजन के परीक्षण के लिए एक अच्छी तरह से सुसज्जित प्रयोगशाला परिसर के अंदर नियमित/ आवधिक परीक्षण के लिए या जब भी आवश्यक हो, स्थापित किया जाए। किसी भी संदेह या संभावित संदूषण के मामले में, कारखाने से प्रेषण से पहले खाद्य सामग्री/ भोजन का परीक्षण किया जाए। यदि परिसर में प्रयोगशाला सुविधा नहीं है, तो भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा अधिसूचित एक मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला के माध्यम से नियमित परीक्षण किया जाए। प्राप्त शिकायतों के मामले में और यदि आवश्यक हो, तो कंपनी स्वेच्छा से या तो आंतरिक प्रयोगशाला या भारतीय खाद्य सुरक्षा मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा अधिसूचित एक मान्यता प्राप्त प्रयोगशाला में परीक्षण करवाए।

लेखा परीक्षा, प्रलेखन और अभिलेख

जीएमपी (अच्छी उत्पादन कार्यप्रणाली)/ जीएचपी प्रणाली (अच्छी स्वच्छता प्रणाली) में किसी दोष/ अंतर का पता लगाने के लिए एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) के अनुसार पूरे कार्यप्रणाली का आवधिक अंकेक्षण किया जाना चाहिए। खाद्य प्रसंस्करण, उत्पादन, भंडारण, वितरण, सेवा, खाद्य गुणवत्ता, प्रयोगशाला परीक्षण के परिणाम, सफाई और स्वच्छता, कीट नियंत्रण और उत्पाद वापस लेने के उपयुक्त रिकॉर्ड एक वर्ष या शेल्फ की अवधि (उत्पाद का जीवन), जो भी अधिक हो, के लिए रखे जाएं।

स्थापना परिसर की स्वच्छता और रखरखाव

सफाई और रखरखाव: एक सफाई और स्वच्छता कार्यक्रम तैयार किया जाए, उसका पालन किया जाए और उसका अभिलेख ठीक से रखा जाए, जो साफ किए जाने वाले विशिष्ट क्षेत्रों और सफाई आवृत्ति को इंगित करेगा। सफाई प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए, जिसमें सफाई के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरण और सामग्री शामिल हैं। उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों को निश्चित आवृति पर साफ और जीवाणुरहित किया जाए। सफाई रसायनों को निर्माता के निर्देशों के अनुसार सावधानी से संभाला और उपयोग किया जाए और खाद्य सामग्री से अलग, स्पष्ट रूप से पहचाने गए पात्रों में संग्रहित किया जाए, ताकि भोजन को दूषित करने के किसी भी जोखिम से बचा जा सके।

कीट नियंत्रण प्रणाली: कीट पहुंच को रोकने और संभावित प्रजनन स्थलों को खत्म करने के लिए उपकरण और भवन सहित खाद्य प्रतिष्ठान को अच्छी मरम्मत में रखा जाए। छेद, नालियां और अन्य स्थान जहां कीटों के पहुंचने की संभावना है, उन्हें सीलबंद स्थिति में रखा जाए या जाली/ ग्रिल के साथ फिट किया जाए और जानवरों, पक्षियों और पालतू जानवरों को खाद्य स्थापना क्षेत्र के परिसर में प्रवेश करने से रोका जाए। खाद्य सामग्री को जमीन के ऊपर और दीवारों से दूर रखे कीट-रोधी पात्रों में संग्रहित किया जाए। खाद्य सुरक्षा या उपयुक्तता को प्रतिकूल रूप से प्रभावित किए बिना कीटों के प्रकोप से तुरंत निपटा जाए। भोजन की सुरक्षा या उपयुक्तता के लिए खतरा पैदा किए बिना अनुमेय रासायनिक, भौतिक या जैविक एजेंटों के साथ उचित सीमा के भीतर उपचार किया जाए। दिनांक और आवृत्ति के साथ उपयोग किए जाने वाले कीटनाशकों का अभिलेख रखा जाए।

स्वास्थ्य स्थिति

किसी बीमारी या बीमारी के वाहक के ज्ञात होने/ संदेह होने पर भोजन के माध्यम से प्रसारित होने की संभावना के कारण किसी भी खाद्य प्रबंधन क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाए। खाद्य व्यवसाय ऐसी प्रणाली विकसित करेगा, जिससे कोई भी प्रभावित व्यक्ति तुरंत बीमारी या बीमारी के लक्षणों के बारे में प्रबंधन को सूचित करे और खाद्य रख- रखाव वाले व्यक्ति की समय-समय पर चिकित्सा जांच की जाए। खाद्य संचालकों/ कर्मचारियों का वर्ष में एक बार चिकित्सीय परीक्षण कराने की व्यवस्था की जाए ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे किसी भी संक्रामक और अन्य संचारी रोगों से मुक्त हैं। एक पंजीकृत चिकित्सक द्वारा हस्ताक्षरित इन परीक्षाओं का एक अभिलेख निरीक्षण के उद्देश्य से रखा जाए।

कारखाने के कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से टीके की अनुशंसित अनुसूची के अनुसार आंतों के रोगों के समूह के खिलाफ टीका लगाया जाए और निरीक्षण के लिए एक अभिलेख रखा जाए। महामारी के मामले में, सभी श्रमिकों का टीकाकरण भी करवाया जाए। खाद्य संचालकों को उच्च स्तर की व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखनी चाहिए। खाद्य व्यवसाय सभी खाद्य संचालकों को उपयुक्त और पर्याप्त स्वच्छ सुरक्षात्मक कपड़े और जूते प्रदान करे। खाद्य व्यवसाय यह सुनिश्चित करेगा कि काम करने वाले हर दिन केवल स्वच्छ सुरक्षात्मक कपड़े व जूते पहनें। खाद्य संचालकों को हमेशा अपने हाथों को साबुन और साफ पीने योग्य पानी से धोना चाहिए, अपने हाथों को कीटाणुरहित करना चाहिए। कच्चे भोजन या किसी भी दूषित सामग्री, उपकरण या काम की सतह को छूने के तुरंत बाद साफ कपड़े के तौलिये या डिस्पोजेबल कागज से हाथ सुखाना चाहिए। शौचालय का उपयोग करने के बाद भी खाद्य के रख-रखाव की गतिविधियों की शुरुआत में स्वच्छता की जरुरत होती है, अन्यथा इसके परिणामस्वरूप अन्य खाद्य पदार्थ दूषित हो सकते हैं। 

खाद्य प्रबंधन गतिविधियों में लगे खाद्य संचालकों को भोजन तैयार करने और भोजन सेवा क्षेत्रों में किसी भी भोजन पर धूम्रपान, थूकना, चबाना, छींकना या खांसने से बचना चाहिए, चाहे वह संरक्षित हो या असुरक्षित। खाद्य संचालकों को चाहिए कि वे समय-समय पर अपने नाखूनों और बालों को छोटा करें, खाद्य पदार्थों के रख-रखाव के समय अस्वच्छ आदतों को प्रोत्साहित न करें या उनका अभ्यास न करें। कच्चे माल या खाद्य उत्पादों के साथ सीधे काम करने वाले और उन्हें संभालने वाले व्यक्ति हर समय व्यक्तिगत स्वच्छता के उच्च मानकों को बनाए रखें। विशेष रूप से वे उन क्षेत्रों या कमरों में धूम्रपान नहीं करें और न हीं थूकना, खाना या पीना करेंगे, जहां कच्चे माल और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों का रख-रखाव या संग्रहन किया जाता है। खांसने/ छींकने/ शौचालय/ टेलीफोन का उपयोग/ धूम्रपान आदि के बाद और काम शुरू होने पर जब भी उनके हाथ दूषित हों, अपने हाथ धोएं। जब खाद्य उत्पादों के रख-रखाव से जुड़े होते हैं तो कुछ हाथ की आदतों से बचें- जैसे नाक खुजलाना, बालों पर उंगली चलाना, आंखों, कानों और मुंह को रगड़ना, दाढ़ी को खरोंचना, शरीर के कुछ हिस्सों को खरोंचना आदि, जो संभावित रूप से खतरनाक होते हैं। कर्मचारीयों से बैक्टीरिया के हस्तांतरण के माध्यम से खाद्य संदूषण हो सकता है।

इसके अलावा आम तौर पर आगंतुकों को खाद्य प्रबंधन क्षेत्रों के अंदर जाने से रोकना चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए उचित देखभाल की जानी चाहिए कि फर्श क्षेत्र में आगंतुकों के कारण खाद्य सुरक्षा और स्वच्छता से समझौता नहीं हो रहा है। खाद्य व्यवसाय यह सुनिश्चित करेगा कि खाद्य निर्माण, तैयारी, भंडारण या रख-रखाव वाले क्षेत्रों में आने वाले आगंतुकों को जहाँ उपयुक्त हो, सुरक्षात्मक कपड़े व जूते पहनना चाहिए और इस खंड में परिकल्पित अन्य व्यक्तिगत स्वच्छता प्रावधानों का पालन करना चाहिए।

उत्पाद जानकारी और उपभोक्ता जागरूकता

सभी पैक किए गए खाद्य उत्पादों में खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 और उसके तहत बनाए गए विनियमों के प्रावधानों के अनुसार एक लेबल और अपेक्षित जानकारी होनी चाहिए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि खाद्य श्रृंखला में प्रत्येक व्यक्ति के लिए पर्याप्त और सुलभ जानकारी उपलब्ध हो सके। उन्हें खाद्य उत्पादों को सुरक्षित और सही ढंग से रख-रखाव, भंडारण, प्रसंस्करण, और प्रदर्शन करने के लिए यदि आवश्यक हो तो खेप (बैच) का आसानी से पता लगाया जा सके और वापस बुलाया जा सके।

प्रशिक्षण

खाद्य संचालक यह सुनिश्चित करे कि भोजन को दूषित होने या खराब होने से बचाने में सभी अपनी भूमिका और जिम्मेदारी से अवगत हों। खाद्य संचालकों के पास आवश्यक ज्ञान और कौशल होना चाहिए, जो खाद्य सुरक्षा और खाद्य गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए खाद्य प्रसंस्करण/ निर्माण, पैकिंग और भंडारण के लिए प्रासंगिक हों। सभी खाद्य संचालकों को उनकी कार्य गतिविधियों, भोजन की प्रकृति, इसका रख-रखाव, प्रसंस्करण, तैयारी, पैकेजिंग, भंडारण व सेवा के अनुरूप व्यक्तिगत स्वच्छता आवश्यकताओं के साथ-साथ खाद्य स्वच्छता और खाद्य सुरक्षा पहलुओं में प्रशिक्षित किया गया हो। प्रशिक्षण की प्रभावशीलता, सुरक्षा आवश्यकताओं के बारे में जागरूकता और योग्यता स्तर का आवधिक मूल्यांकन किया जाना चाहिए। साथ हीं, नियमित पर्यवेक्षण और जांच यह सुनिश्चित करने के लिए कि खाद्य स्वच्छता और खाद्य सुरक्षा प्रक्रियाओं को प्रभावी ढंग से किया जाना चाहिए। प्रशिक्षण कार्यक्रमों की नियमित रूप से समीक्षा की जाए और जहां कहीं आवश्यक हो उन्हें अद्यतन किया जाए।

निष्कर्ष/Conclusion

खाद्य प्रसंस्करण में स्वच्छता प्रबंधन, पर्यवेक्षण, परीक्षण, अंकेक्षण, कार्मिक स्वास्थ्य, उपभोक्ता जागरूकता, और प्रशिक्षण एक योजना का हिस्सा होना चाहिए। इन पहलुओं के माध्यम से हम सुरक्षित, स्वस्थ, और गुणवत्ता से भरपूर खाद्य उत्पादों की उत्पत्ति और प्रसंस्करण को सुनिश्चित कर सकते हैं। इसके साथ ही, उपभोक्ताओं को खाद्य सुरक्षा के मामले में जागरूक करना और उन्हें समर्थ बनाना भी महत्वपूर्ण है, ताकि हम स्वास्थ्य और सामाजिक समृद्धि की दिशा में अग्रसर हो सकें।

टिप्पणी: उपरोक्त लेख भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक के वेबसाइट से प्राप्त जानकारी का स्थानीय भाषा में प्रकटीकरण पर आधारित है।

 सन्दर्भ सूची/References

  1. जायसवाल पी के .2009. प्रोजेक्ट नंबर-583. भोजन की गुणवत्ता और सुरक्षा का प्रथम संस्करण। पृ. 2-3 व 98-100.
  2. किनारे पर रहने वाले: भोजन बनाम गुणवत्तायुक्त भोजन। फ़ूड लैब इंटरेक इंडिया प्रा. लिमिटेड, गुड़गांव, भारत। पृ. 1-3.
  3. खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार.2009. भारतीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग की वर्तमान स्थिति एवं भविष्य की संभावनाएँ। वार्षिक प्रतिवेदन। पृ. 122

Authors

  • सोमा श्रीवास्तव

    वरिष्ठ वैज्ञानिक (खाद्य एवं पोषण), प्रौद्योगिकी हस्तांतरण एवं प्रशिक्षण प्रभाग, केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसन्धान संस्थान, जोधपुर-342003

  • ओम प्रकाश

    वैज्ञानिक (कृषि संरचना एवं प्रक्रिया अभियंत्रण), कृषि अभियांत्रिकी एवं नवीकरणीय ऊर्जा प्रभाग, केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसन्धान संस्थान, जोधपुर-342003

  • शेख मुख्तार मंसूरी

    वैज्ञानिक (कृषि संरचना एवं प्रक्रिया अभियंत्रण), कृषि अभियांत्रिकी एवं नवीकरणीय ऊर्जा प्रभाग, केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसन्धान संस्थान, जोधपुर-342003

  • प्रेम वीर गौतम

    वैज्ञानिक (फार्म मशीनरी और पावर), कृषि अभियांत्रिकी एवं नवीकरणीय ऊर्जा प्रभाग, केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसन्धान संस्थान, जोधपुर-342003

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